Weight Loss Program

2800 बेटियों के नाम से ढोल-थाली बजाकर मिठाई बांटी गई

शनिधाम ट्रस्ट व जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वाधान में हुआ आयोजन,

केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री कृष्णा तीरथ ने कार्यक्रम को सराहा,

महिलाओं के मंगल गीतों से गूंजा सारा माहौल।

नारी है तो संसार में शिष्टïाचार है, नारी है तो संसार में प्रेम है, नारी है तो संसार की संस्कृति सुरक्षित है, नारी है तो संसार में गुणों का विकास हो सका है, नारी है तो नेक संतान ले सकती है जन्म, नारी है तो हो सकता है एक उन्नत राष्टï़ का निर्माण, नारी धैर्य का प्रमाण है, नारी स्वयं क ला की मूर्त है इसलिए नारी पूजनीय है, नारी देवी स्वरूप है, नारी का सम्मान करें अपमान नहीं। ---- दाती

महिलाओं क ो आत्मनिर्भर व उनको अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए देश के एकमात्र पॉयलट प्रोजैक्ट मिशन पूर्ण शक्ति का अवलोकन करने शुक्रवार को पाली पहुंची केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री कृष्णा तीरथ ने महिलाओं के बदलते युग में अपनी भूमिका को क्षमतावान बनाने का आह्वान किया। साथ ही उन्होंने महिलाओं से बहुमुखी सोच से संस्कारवान राष्ट्र के नवनिर्माण में भागीदारी निभाने की अपील भी की। इस मौके पर तीरथ की मौजूदगी में जनवरी से अब तक जिले भर में जन्म लेने वाली 2800 बेटियों के नाम से ढोल-थाली बजाकर मिठाई बांटी गई। साथ ही इन बेटियों के पैदा होने की खुशी में केक, कपड़े तथा बधाई संदेश भी भेजा गया। इस दौरान महिलओं के मंगलगीतों से पूरा माहौल गुंजायमान रहा।

जिला प्रशासन व शनिधाम ट्रस्ट के सहयोग से आयोजित सामारोह में केंद्रीय मंत्री तीरथ ने बेटियों को गौरवान्वित करने के वाले ऐसे आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि देश में संभवत: पाली ही ऐसा जिला है, जहां बेटी के पैदा होने पर ढोल-थाली बजाकर उसको सम्मान दिया जा रहा है। यह कार्यक्रम देश में महिला अत्याचारों की घटनाओं पर करार तमाचा होने के साथ ही इससे कन्या भ्रूण जैसे जघन्य अपराधों में भी निश्चित तौर पर कमी आएगी। इस मौके पर मंच पर खैरवा गांव में जन्मी मेघना व चेतना को बुलाकर उनके हाथ से तीरथ ने प्रतीकात्मक रूप से केक कटवाया।

साथ ही हाल ही में पैदा हुई 2800 बेटियों के नाम पर भी केक काटा गया, जबकि बेटभ् व उसकी माता के लिए कपड़े तथा बधाई संदेश भेजे गए हैं। इसके अलावा नवजात बेटियों के घर पर ढोल-थाली बजाने के लिए प्रत्येक परिवार को 500 रुपए की राशि भी शनिधाम की तरफ से प्रदान की गई।

कार्यक्रम में कलेक्टर अम्बरीय कुमार, जिला प्रमुख खुशवीरसिंह जोजावर, जिला परिषद के सीई ओ श्यामसिंह राजपुरोहित, डी ई ओ माध्यमिक नूतन बाला कपिला, प्रधान शोभा सोलंकी व मिशन पूर्ण शक्ति के जिला समन्वयक भागीरथ चौधरी समेत कई जनप्रतिनिधि व अधिकारी मौजूद थे। इससे पहले केंद्रीय मंत्री तीरथ का पाली पहुंचने पर सोनल शर्मा की अगुआई में आश्वासन बालग्राम, आलावास की बालिकाओं ने राजस्थानी परंपरा से स्वागत किया। कार्यक्रम में प्रोजेक्ट से जुड़े राष्ट्रीय व राज्य स्तरीय अफसर भी उपस्थित थे।

महिलाओं की सुरक्षा बड़ी चुनौती: केंद्रीय मंत्री तीरथ

 

महिला शक्ति का भान होगा तो हमारा मस्तक भी ऊंचा रहेगा। उन्होंने महिलाओं से आह्वान किया कि महिलाओं को अपनी क्षमता का उपयोग संस्कारवान समाज के निर्माण में करना होगा। तीरथ ने कहा कि नारी ही वह शक्ति है जो स्वर्ग भी बना सकती है तथा नरक की स्थापना भी कर सकती है। उन्होंने कहा कि कन्या भ्रूण हत्या जैसी प्रवृत्ति को खत्म करने के लिए महिलाओं को आगे आना होगा।

मां का क त्र्तव्य है पुत्र-पुत्री क ो बराबर स्नेह देना

इस देश का हर नागरिक देश का ऋ णी है। इस प्रकार ऋण का चुकाना हर इंसान का कत्र्तव्य है। इस धरती पर मैंने जन्म लिया, जिसका मैं फर्ज अदा कर रहा हूं। गरीब, अनाथ व असहायों के लिए शनिधाम ट्रस्ट के द्वार हमेशा खुले है। ----------- दाती महाराज

केंद्रीय मंत्री तीरथ ने शनिधाम ट्रस्ट व जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वाधान में जारी योजनाओं पर प्रकाश डाला।

पाली की नहीं ,देश की ही नहीं, दुनिया की सबसे बड़ी और अनूठी योजना-दाती सुमंगला योजना (बेटी बचाओ अभियान )

बेटी है आंगन की तुलसी इसे बचाओ!

सुमंगला योजना राजस्थान में देसुरी, सोजत, मारवाड़, जैतारन, पाली, सुमेर पुर, रानी, फालना जिलों क्रियान्वित है।

दाती महराज स्वयं नारी को मां के समान आदर देते है और कहते है-

आज मेरी मां न होती तो मैं न होता। प्रत्येक व्यक्ति का कत्र्तव्य है कि नारी का सम्मान करें। नारी है तो सृष्टिï है। नारी सृजनहार है। नारी देवी समान है। फिर पुरुष और स्त्री में भेद क्यों?  यदि भ्रूण हत्या जैसे घिनोने पाप को न रोका गया तो सृष्टिï को पतन के गर्त में ले जाने के हम सब भागीदार होगेें। नारी तो लक्ष्मी है, आदरणीय है, संस्कृति का परिचय है, संस्कारों की जननी है।  बेटी के जन्म पर उत्सव मनाओं , शोक नहीं।

दाती को प्रत्येक नारी के प्रति सहानुभूति है और आदरणीय भाव है। परंतु नारी की दयनीय स्थिति को देखते हुए नारी को उसके अधिकार मिल सकें, समाज में आदर व सम्मान मिल सके,  उन्नत स्थान मिलें। इसी उद्येश्य से पिछले 14 वर्षों से श्री शनिधाम ट्रस्ट बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ और देश बचाओ की मुहिम चला रही है। इस अभियान क अंतर्गत अनेक योजनाओं को संचालन राजस्थान के कई जिलों में हो रहा है। वर्ष 2010 से शनिधाम ट्रस्ट ने अपने आर्थिक संसाधनों से एक अनूठी योजना के रूप में  दाती सुमंगला योजना की शुरुआत की है। इस योजना के तहत पाली जिला प्रशासन और चिकित्सा, स्वास्थय एवं परिवार कल्याण विभाग के संयुक्त तत्वाधान में पाली जिले के ए पी एल परिवार यानि कि गरीबी रेखा के ऊपर जीवन-यापन करने वाले परिवारों के लिए बेटी बचाओ अभियान की कड़ी में दाती सुमंगला योजना से जोडऩे के लिए यह योजना संचालित की जा रही है।  इसके तहत 18 वर्ष या उससे अधिक उम्र होने पर ही लड़कियों के विवाह के लिए लोगों को जागरूक करने, शादी के कम से कम दो वर्ष के बाद ही पहली संतन को जन्म देने के फायदे बताने, कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए लोगों को जागरूक करने, जिले में लिंगानुपात को सही बनाए रखने में सहयोग करने, दो बच्चो के मध्य कम से कम 3 वर्ष का अंतराल रखने को बढ़ावा देने, परिवार कल्याण कार्यक्रम के प्रभावी क्रियान्वन एवं कार्यक्रम में गुणवत्ता बढ़ाने से सहयोग करने, बच्चों के जन्म पंजीयन को बढ़ावा दने, बीपीएल एपीएल परिवारों की दूरी को कम करने जैसे सुधारपरक कार्य किए जाते है। प्रथम या दूसरी बेटी के जन्म के तुरंत बाद महिला व पुरूष द्वारा नसबंदी करवाने पर ही दंपती आर्थिक सहायता के पात्र माने जाते है।

बालिका जन्मोत्सव की कई योजनाएं

बेटी के जन्म पर मुंह मीठा की रस्म, ढोल टासों के बीच माता-पिता व परिजनों को शुभ कामनाएं, ग्रीटिंग कार्ड, खिलौने, कपड़े आदि देकर बड़े ही उल्लासपूर्ण वातावरण में बेटी का जन्मदिन मनाया जाता है। पाली जिले के सभी सरकारी अस्पताल में यह सुविधा उपलब्ध है। शनिधाम के प्रतिनीधि इस कार्य को अंजाम दे रहें हैं। यही नहीं बेटी जन्म होने पर माता को 1100 रुपये का प्रोत्साहन राशि के रूप में भेंट किये जाते है व लडक़ी के नाम पर 3100 रुपये का किसान विकास  दिया जाता है। यदि माता-पिता सक्षम न हों अपनी बेटी को शिक्षा देने में, उसका भरण पोषण करने के लिए तो शनिधाम ट्रस्ट उस बालिका को अपने विशाल गुरुकुल आश्वासन बालग्राम में आश्रय देता है। जहां उसे उचित शिक्षा व हर प्रकार की आवासीय सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती है जैसे नि:शुल्क भोजन, पुस्तकें, कपड़ें इत्यादि।  गुरुकुल आश्वासन बालग्राम एक छात्रावास विद्यालय व महाविद्यालय है जहां  प्राईमरी, सैकेण्डरी व हाईर सैकेण्डरी शिक्षा की सुविधाएं है इसी के साथ ही महाविद्यालय में बी0एड0, बी0 सी0 ए0, बी0बी0ए0 आदि डिग्री कोर्स की भी सुविधा उपलब्ध है।

दाती सुमंगला योजना से हो सकेगा उज्जवल भारत का निर्माण बदेलगा समाज का नारी के प्रति दृष्टिïकोण। नर और नारी में उत्पन्न होगा समान अनुपात। होगा लिंग भेद का अंत। पायलेट परोजैक्ट के अंतर्गत पाली जिले में नारी विकास के तहत 150 ग्राम पंचायत का चयन किया गया है। सभी महिलाओं को उनके अधिकारों से अवगत कराने के लिए व लागू योजनाओं के बारे में सूचित करने के लिए 220 ग्राम समन्वयकों को नियुक्त किया गया है। मिशन के तहत सर्वश्रेष्ठ काम करने वाली दो ग्राम समन्वयकों को शनिधाम ट्रस्ट की तरफ से नकद राशि व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। धीनावास समन्वयक सीमा दवे तथा बिलावास की समन्वयक रेखा सोनी को 2500 रुपये दिए गए। इसी प्रकार दाती सुमंगला योजना में 75 महिलाओं को 3100 रुपये के चेक, नसबंदी कराने वाली दो महिलाओं को 11 हजार रुपए के तथा स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को ऋण राशि के चेक प्रदान किए। कार्यक्रम का संचालन रेणु तिवारी ने किया।